श्री मज्जयाचार्य जी का 143 वां प्रयाण दिवस —

Sep 11, 2023 - 08:37
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श्री मज्जयाचार्य जी का 143 वां प्रयाण दिवस —
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श्री मज्जयाचार्य जी का 143 वां प्रयाण दिवस —

 हमारे भीतर संवेग व निर्वेग पैदा करने वाले, पवित्रता के महासाधक , युगे महापुरुष , वितराग तुल्य , भगवान महावीर के पथ गामी , शान्ति की रश्मियाँ बिखरने वाले , शांतिदूत , श्रम से निष्णात , आत्मा के तारणहार , जन - जन में आशा की नयी किरण पैदा करनेवाले, तेरापंथ के गणमाली , महानता के आसन पर आसीन , विनय शिरोमणी , भव्य आत्माओ के भीतर संयम का दीप जलाने वाले , अध्यात्म तत्व वेता , समत्व योग के मूर्तिमान आदर्श , नव - नव इतिहास कर्ता , शक्ति सम्पन्न महापुरूष ,इस संसार समुद्र से स्वयं तरनेकी उत्कृष्ट भावना रखने वाले आज ही के दिन भाद्रपद्र कृष्णा 12 को 142 वर्ष पूर्व देवलोक पधारे ।

 चतुर्थ आचार्य जयाचार्य को शतशत श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोटिशः मेरा वंदन ,नमन । मानव जीवन अनमोल हीरा ,इसको बेकार क्यों गवायें ? मुश्किल से मिला जीवन , इसको विषयों में क्यों मिलायें ? बंध मुट्ठी आये थे जाना खाली हाथ हैं । सुकृत कुछ करने को पीछे नहीं रहना हैं । खोटे का फल खोटा फिर गलत क्यों करते । मुश्किल से मिला जीवन , इसको विषयों में क्यों मिलायें? खजाना धन वैभव से भरा पड़ा हैं ।

मालिक कौन इसका क्या ठिकाना हैं । देख - देख धन इसको क्यों मन बहलाते । मुश्किल से मिला जीवन , इसको विषयों में क्यों मिलायें? जीवन को सफल सदसंगत में कर लो । ज्ञानामृत से अपने अंतर घट को भर लो । सदगुण मोती पाकर क्यों बेकार गमाते ।

मुश्किल से मिला जीवन , इसको विषयों में क्यों मिलायें? क्रोध , मान , माया के दुर्गुण को हटा लो । दुर्गुण रूपी दुश्मन को जीवन से हटा लो । अपने हाथों से अपनी शान क्यों मिटाते । मुश्किल से मिला जीवन , इसको विषयों में क्यों मिलायें ? प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )

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